ज़मानत क्या है : जमानत को अंग्रेजी में bail कहते है | BNSS की धारा 2 के तगत जमानत का अर्थ है किसी अपराध के आरोपी या संदिग्ध व्यक्ति को किसी अधिकारी या न्यायालय द्वारा बॉन्ड या जमानत बॉन्ड के आधार पैर लगाई गयी कुछ शर्तो पैर कानून की हिरासत से रिहा करना |
ज़मानत के प्रकार
जमानत मुख्यतयः 4 प्रकार की होती है :
- Regular Bail
- Interim Bail
- Anticipatory Bail
- Statutory Bail
इस जमानत का मतलव है मुक़दमे में उसकी उपस्तिथि सुनिश्चित करने के लिए जेल से आरोपी की रिहाई |
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Interim Bail : Interim Bail को हिंदी में अंतरिम ज़मानत भी कहते है | अंतरिम जमानत एक छोटी अवधि के लिए दी जाने वाली जमानत होती है | नियमित या अग्रिम जमानत के लिए सुनवाई से पहले किसी आरोपी को अंतरिम जमानत दी जाती है |
Anticipatory Bail : Anticipatory Bail को हिंदी में अग्रिम ज़मानत भी कहते है | अगर किसी व्यक्ति को संदेह है की उसे गैर जमानती अपराध के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है तो वह अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है |
Statutory Bail : Statutory Bail को हिंदी में वैधानिक ज़मानत कहते है | वैधानिक जमानत को डिफ़ॉल्ट ज़मानत के रूप में भी जाना जाता है |
यह जमानत तब दी जाती है जब पुलिस या जाँच एजेंसी एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट / शिकायत दर्ज करने में विफल रहती है |